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Sunday, April 21, 2013

आखिर कब तक ??

पता नहीं क्या हो गया है
इंसानों को ?
छोटे बच्चों को तो हम
भागवान मानते हैं
उनके साथ ऐसा अत्याचार ,
आज बच्चों को बहार
भेजने मे डर लगने लगा है ,
उन्हें जाने अनजाने हम बाँधने लगे हैं
यहाँ मत जाओ
वहाँ मत खेलो
अकेले कहीं न जाओ
ये मत पहनो
वो मत पहनो ,
पर क्या इन सब से भी
कुछ असर हो रहा है
नहीं ,
आये दिन एक नयी घटना
और  उस पर नयी बेहेस  ,
कोई किसी को दोष देता है
कोई किसी को ,
पर ये कोई नहीं समझता की
आज बच्चों से उनका
बचपन छिन लिया गया है
जाने या अनजाने
माँ बाप भी डरे सहमे रहने लगे हैं ,
कितना भी खुद मे
जोश भर लो
हिम्मत दिखा दो
पर अन्दर से सब डरे हुए ,
पर कब तक जियेंगे
हम और हमारे बच्चे
ऐसी ज़िन्दगी
आखिर कब तक ??
कैसे बदलेगा ये समाज
और लोगों नजरिया ??

रेवा

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